IBPS RRB PO Mains 29 Sep 2024 Paper

Show Para  Hide Para 
Question Numbers: 141-147
निर्देश : दिए गये गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सर्वाधिक उचित उत्तर वाले विकल्प का चयन कीजिए।
कल्पना मानव मस्तिष्क की सृजनशीलता की पहली कड़ी है। कोई भी विचार, सिद्धांत, आविष्कार चाहे वह आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक, विज्ञान एवं तकनीकी, शिक्षा, मूल्य, दर्शन किसी से भी जुड़ा हो सभी वास्तविकता में आने से पूर्व व्यक्ति की कल्पना का हिस्सा होते हैं, तत्पश्चाप विभिन्न प्रयासों के द्वारा इन्हें मूर्त रूप दिया जाता है। युगों तक इन कल्पनाओं के मूर्त रूप का प्रभाव देखा जा सकता है। ये किसी विशेष व्यक्ति या विश्व के किसी विशेष हिस्से तक सीमित न रह कर प्रत्येक मनुष्य के जीवन का अंग भी बनती हैं। नेपोलियन जो सेना में एक सैनिक के रूप में भर्ती हुआ था, ने न केवल कल्पनाओं के महत्व को समझा बल्कि उसने अपनी ‘विश्व विजेता’ की कल्पना के अनुरूप यूरोप के भूगोल को बदलकर इतिहास बनाया। इन्हीं से जुड़ी कल्पनाओं की ही अगली कड़ी थी जर्मनी व इटली का एकीकरण जिसने विश्व को पुनः नया भूगोल और वर्तमान स्वरूप दिया। इसी प्रकार सिकंदर महान की विश्व पर शासन की महत्वाकांक्षा साकार होने से पूर्व एक कल्पना ही थी। भारतीय उपमहाद्वीप पर एकछत्र राज वास्तविकता ग्रहण करने से पूर्व अशोक की कल्पना का ही अंश थी। समुद्री खोजों और उपनिवेशवाद की कल्पना ने विश्व इतिहास में एक अलग अध्याय जोड़ा जिसके प्रभाव आज भी देखे जाते हैं। भारत की आजादी के बाद यूरोप की तरह छोटे-छोटे राज्य वाले खण्डित उपमहाद्वीप की प्रबल संभावनाओं के मध्य एकीकृत, अखण्ड व लोकतान्त्रिक भारत भी राष्ट्रवादी भारतीयों की एक दृढ़ कल्पना थी। अगर दर्शन की बात करें तो उथले तौर पर सम्पूर्ण दर्शन एक कल्पना ही है, जिसके कुछ पक्ष वास्तविक जीवन से जुड़ते हैं तो कुछ अमूर्त रूप से जीवन मरण की विश्व जिज्ञासा का उत्तर देते हैं। कल्पनाओं से परिपूर्ण दर्शन ही विश्व व्यवस्था के मूल में है और इसी ने अनेक बार वैश्विक सभ्यताओं को उजाड़ा और बनाया है। भारतीय जन मानस के जीवन का आधार ‘भारतीय दर्शन’ की कल्पनाओं का महत्व तो इहलोक ही नहीं परलोक तक है। चार्वाक की कल्पनाओं से भौतिक दर्शन आया, तो बुद्ध के उपदेशों से बौद्ध धर्म। महात्मा गाँधी की अहिंसावादी कल्पनाओं ने वास्तविकता बनकर भारत की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया तो नेहरू के गुट निरपेक्षता व समाजवादी विचारों ने भारत को विश्व में एक अग्रणी पहचान दी। राष्ट्र राज्य की परिकल्पना के साथ ही फ्रांसीसी क्रांति से उपजे स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के तत्व ने लोकतंत्र की कल्पना को जन्म दिया। लोकतंत्र के अलावा आज जो दुनिया का सबसे बड़ा सच बनकर उभरा है वह है भूमंडलीकरण की अवधारणा। आज विश्व में सभी देश सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर बल देते हैं। दुनिया एक ‘वैश्विक ग्राम’ का रूप ले चुकी है। सूक्ष्मता से देखें तो इसके बीज हमें प्राचीन काल में ही देखने को मिलते हैं। यह प्राचीन भारतीय दर्शन में उपस्थित ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और यूनानी दार्शनिकों की ‘विश्व नागरिकता’ की कल्पना का साकार पक्ष ही हैं।
© examsnet.com
Question : 145
Total: 200
Go to Question: