UPSSSC PET 16 Oct 2022 Shift 1 Paper
Show Para
Question Numbers: 54-58
निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
मादक पदार्थों के प्रयोग की लत आज के युवाओं में तेज़ी से फैल रही है। कई बार फैशन की खातिर दोस्तों के उकसावे पर लिए गए ये मादक पदार्थ अकसर जानलेवा होते हैं। स्कूल-कॉलेजों या पास-पड़ोस में गलत संगति के दोस्तों के साथ ही गुटखा, सिगरेट, शराब, गाँजा, भाँग, अफीम और धूम्रपान सहित चरस, स्मैक, कोकीन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थों के सेवन की ओर अपने आप कदम बढ़ जाते हैं । पहले उन्हें मादक पदार्थ फ्री में उपलब्ध कराकर इसका लती बनाया जाता है और फिर लती बनने पर वे इसके लिए चोरी से लेकर अपराध तक करने को तैयार हो जाते हैं। माँ-बाप द्वारा दिया गया जेब खर्च कम पड़ने लगता है। नशे के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सूइयाँ एच.आई.वी. का कारण भी बनती हैं, जो अंततः एड्स का रूप धारण कर लेती हैं। कई बार तो बच्चे घर के ही सदस्यों से नशे की आदत सीखते हैं। उन्हें लगता है कि जो बड़े कर रहे हैं, वह ठीक है और फिर वे भी घर में ही चोरी आरंभ कर देते हैं। चिकित्सकीय आधार पर देखें तो अफीम, हेरोइन, चरस, कोकीन तथा स्मैक जैसे मादक पदार्थ से व्यक्ति वास्तव में अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है एवं पागल तथा सुमावस्था में हो जाता है। ये ऐसे उत्तेजना लाने वाले पदार्थ हैं, जिनकी लत के प्रभाव में व्यक्ति अपराध तक कर बैठता है। ऐसे युवा उच्छृंखल, हिंसक, अनुशासनहीन, झगड़ालू, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह और शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर होते है। मामला सिर्फ स्वास्थ्य से नहीं अपितु अपराध से भी जुड़ा हुआ है। कहा भी गया है कि जीवन अनमोल है। नशे के सेवन से यह अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। भारत के अनेक राज्यों में युवा वर्ग में इन नशीली वस्तुओं का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। कॉलेज ही नही स्कूलों तक ये बीमारी पहुँच चुकी है। भारत के कई राज्यों में गाँजा व अफीम की खेती होती है और हेरोइन आदि का व्यापार खुले आम चल रहा है। कहाँ जा रही है हमारी युवा पीढ़ी?
निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
मादक पदार्थों के प्रयोग की लत आज के युवाओं में तेज़ी से फैल रही है। कई बार फैशन की खातिर दोस्तों के उकसावे पर लिए गए ये मादक पदार्थ अकसर जानलेवा होते हैं। स्कूल-कॉलेजों या पास-पड़ोस में गलत संगति के दोस्तों के साथ ही गुटखा, सिगरेट, शराब, गाँजा, भाँग, अफीम और धूम्रपान सहित चरस, स्मैक, कोकीन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थों के सेवन की ओर अपने आप कदम बढ़ जाते हैं । पहले उन्हें मादक पदार्थ फ्री में उपलब्ध कराकर इसका लती बनाया जाता है और फिर लती बनने पर वे इसके लिए चोरी से लेकर अपराध तक करने को तैयार हो जाते हैं। माँ-बाप द्वारा दिया गया जेब खर्च कम पड़ने लगता है। नशे के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सूइयाँ एच.आई.वी. का कारण भी बनती हैं, जो अंततः एड्स का रूप धारण कर लेती हैं। कई बार तो बच्चे घर के ही सदस्यों से नशे की आदत सीखते हैं। उन्हें लगता है कि जो बड़े कर रहे हैं, वह ठीक है और फिर वे भी घर में ही चोरी आरंभ कर देते हैं। चिकित्सकीय आधार पर देखें तो अफीम, हेरोइन, चरस, कोकीन तथा स्मैक जैसे मादक पदार्थ से व्यक्ति वास्तव में अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है एवं पागल तथा सुमावस्था में हो जाता है। ये ऐसे उत्तेजना लाने वाले पदार्थ हैं, जिनकी लत के प्रभाव में व्यक्ति अपराध तक कर बैठता है। ऐसे युवा उच्छृंखल, हिंसक, अनुशासनहीन, झगड़ालू, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह और शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर होते है। मामला सिर्फ स्वास्थ्य से नहीं अपितु अपराध से भी जुड़ा हुआ है। कहा भी गया है कि जीवन अनमोल है। नशे के सेवन से यह अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। भारत के अनेक राज्यों में युवा वर्ग में इन नशीली वस्तुओं का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। कॉलेज ही नही स्कूलों तक ये बीमारी पहुँच चुकी है। भारत के कई राज्यों में गाँजा व अफीम की खेती होती है और हेरोइन आदि का व्यापार खुले आम चल रहा है। कहाँ जा रही है हमारी युवा पीढ़ी?
© examsnet.com
Question : 56
Total: 100
Go to Question: