जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ ‘श्लेष अलंकार’ होता है।
जैसे-‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरै, मोती मानुष चून।’ यहाँ पानी का प्रयोग तीन बार किया गया है किन्तु दूसरी पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं; मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति, मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान), चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है।