वेद शब्द का अर्थ है 'ज्ञान'। वेदों के संकलनकर्ता कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास को माना जाता है। वेदों से ही हमें आर्यों के विषय में प्रारंभिक जानकारी मिलती है। कुछ लोग वेदों को अपौरुषेय अथवा देवकृत मानते हैं। वेदों की कुल संख्या 4 है- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद एव अथर्ववेद। इन चारों वेदों को संहिता कहा जाता है। तथा इनमें से ऋग्वेद, सामवेद एवं यजुर्वेद के सम्मिलित संग्रह को वेदत्रयी कहा जाता है। चारों वेदों में से प्रत्येक के एक-एक उप-वेद भी हैं। ऋग्वेद चारों वेदों में सर्वाधिक प्राचीन वेद ऋग्वेद से आर्यों की राजनीतिक प्रणाली एवं इतिहास के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। ऋग्वेद दुनिया का पहला लिखित साहित्यिक ग्रंथ है। ऋग्वेद अर्थात् ऐसा ज्ञान जो ऋचाओं में बद्ध हो। इस वेद में कुल 10 मण्डल, 8 अष्टक एवं 1028 सूक्त है, इनमें 'वालखिल्य सूत्र', जिनकी संख्या 11 है, भी शामिल है। ऋग्वेद के भजन 10.90 में ' पुरुष सूक्त परिभाषित किया गया है, जिसके श्लोक 2 से 5 तक में 'पुरुष' को परिभाषित किया गया है, ,जिसके अनुसार “ब्राह्मंण की आध्यात्मिक एकता ( पुरुष की प्रकृति या cosmic being) ही पुरुष है।"