बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ई.पू. में नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु के समीप लुम्बिनी ग्राम में शाक्य क्षत्रिय कुल के राजा शुद्धोधन के यहाँ हुआ था। बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था तथा उनके अन्य नाम प्रच्छन्न, तथागत, मुनिश, विपाश्चित, त्रिकाय, त्रिग्या, तथाराज तथा पदमायानी थे। बौद्ध धर्म ईश्वर और आत्मा दोनों में विश्वास नहीं करता है। बुद्ध के अनुसार सृष्टि का कर्ता ईश्वर नहीं वरन् इसकी उत्पत्ति कार्य-कारण सिद्धांत के अनुसार हुई है। आत्मा के अस्तित्व को अस्वीकार करने के बावजूद वे पुनर्जन्म तथा कर्म के सिद्धांत को स्वीकार करते हैं। वस्तुत: बौद्ध धर्म में मध्यम मार्ग के महत्त्व पर बल दिया गया है। बुद्ध के अनुसार, संसार और इसके समस्त तत्त्व क्षणिक है, इसी आधार पर बौद्ध दर्शन में क्षणिकवाद सिद्धांत' का प्रतिपादन हुआ।