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Question Numbers: 121-128
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
कोई व्यक्ति सलाह या उपदेश दे सकता है। लेकिन 24 घंटे चौकीदारी तो नहीं कर सकता। हाथ पकड़कर चल नहीं सकता। उसकी बात माने कौन ? हर व्यक्ति को स्वयं सुधार लाना चाहिए। दोषपूर्ण आहार विहार, गलत आचार - विचार, दुराचरण से अनमोल जीवन की ऊर्जा व्यर्थ बह जाती है। जो मन ही मन समझ जाता है, वह देवता कहलाता है। जो कहे से भी नहीं समझता वह मूर्ख पशु समान होता है। लेकिन जो इशारे से समझ जाता है, वह इंसान कहलाता है। हमारा मन चोर है। व्यसन की बुरी आदत पड़ गई है। बड़े-बड़े विद्वान, शिक्षा शास्त्री, इंजीनियर, चिकित्सक, दार्शनिक आदि भी धूम्रपान करने से रोकते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि धूम्रपान से मन बहलता है। मूड बनता है। समय गुज़ारने का अच्छा साधन है। लेकिन कलेजा जलाकर मन बहलाना अनुचित है।
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
कोई व्यक्ति सलाह या उपदेश दे सकता है। लेकिन 24 घंटे चौकीदारी तो नहीं कर सकता। हाथ पकड़कर चल नहीं सकता। उसकी बात माने कौन ? हर व्यक्ति को स्वयं सुधार लाना चाहिए। दोषपूर्ण आहार विहार, गलत आचार - विचार, दुराचरण से अनमोल जीवन की ऊर्जा व्यर्थ बह जाती है। जो मन ही मन समझ जाता है, वह देवता कहलाता है। जो कहे से भी नहीं समझता वह मूर्ख पशु समान होता है। लेकिन जो इशारे से समझ जाता है, वह इंसान कहलाता है। हमारा मन चोर है। व्यसन की बुरी आदत पड़ गई है। बड़े-बड़े विद्वान, शिक्षा शास्त्री, इंजीनियर, चिकित्सक, दार्शनिक आदि भी धूम्रपान करने से रोकते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि धूम्रपान से मन बहलता है। मूड बनता है। समय गुज़ारने का अच्छा साधन है। लेकिन कलेजा जलाकर मन बहलाना अनुचित है।
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