(4) भारत-चीन युद्ध के तुरंत बाद अगस्त 1963 में आचार्य कृपलानी ने पहली बार लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव को पारित किया। अविश्वास प्रस्ताव को केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है। यदि सदन के अधिकांश सदस्य अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करते हैं, तो यह पारित हो जाता है और सरकार गिर जाती है।