(2) 26 जुलाई, 1856 को हिंदू विधवाओं के लिए पुनर्विवाह अधिनियम लागू किया गया था। इसने ईस्ट इंडिया कंपनी के नियम के तहत भारत के सभी न्यायालयों में हिंदू विधवाओं के पुनर्विवाह को वैध बताया। इसे 1857 के भारतीय विद्रोह से पहले लॉर्ड डलहोजी द्वारा तैयार और पारित किया गया था। यह लॉर्ड विलियम बेंटिक द्वारा सती प्रथा के उन्मूलन के बाद पहला बड़ा सामाजिक सुधार कानून था।