देश के प्रथम व्यक्ति, "राष्ट्रपति" के पास अध्यादेश के प्रवर्तन की शक्ति होती है।
भारत के संविधान का अनुच्छेद 123, केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति को अध्यादेश के प्रवर्तन का अधिकार देता है।
राष्ट्रपति के इस अधिकार का प्रयोग केवल उस स्थिति में किया जा सकता है जब संसद के दोनों सदनों में से कोई एक कानून बनाने के लिए सत्र में न हो।
भारत के संविधान का अनुच्छेद 213 राज्यों के राज्यपाल को अध्यादेश को लागू करने की शक्ति प्रदान करता है।
अध्यादेश को भारत के राष्ट्रपति द्वारा 6 सप्ताह के लिए प्रख्यापित किया जा सकता है और इसे संसद द्वारा छह सप्ताह के भीतर पुनः अनुमोदित किया जाना चाहिएअन्यथा वो निष्क्रिय हो जायेगा।