1919 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया असहयोग आंदोलन, 1922 तक जारी रहा।
असहयोग आंदोलन की शुरुआत महात्मा गांधी ने स्वशासन के उद्देश्य से और रौलट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड के खिलाफ की थी।
गोरखपुर में चौरी-चौरा की घटना के बाद 1922 में असहयोग आंदोलन समाप्त हुआ, जहां असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस के साथ भिड़ गया, जिन्होने गोलियां चलाईं।
1930 में इसी तरह के आंदोलन की शुरुआत की गई थी, जिसे सविनय अवज्ञा आंदोलन नामांक सत्याग्रह आन्दोलन नाम दिया गया था।