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Question Numbers: 32-33
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर उत्तर दीजिये।
गांधीवाद में राजनीतिक और अध्यात्मिक तत्त्वों का समन्वय मिलाता है। वही इस वाद की विशेषता है| आज संसार में जितने भी वाद प्रचलित है वह प्राय: राजनीतिक क्षेत्र में सीमित हो चुके है। आत्मा से उनका सम्बन्ध-विच्छेद होकर केवल बाह्य संसार तक उनका प्रसार रह गया है। मन की निर्मलता और ईश्वर निष्ठा से आत्मा को शुद्ध करना गांधीवाद की प्रथम आवश्यकता है। ऐसा करने से नि: स्वार्थ बुद्धि का विकास होता है और मनुष्य सच्चे अर्थों में जनसेवा के लिए तत्पर हो जाता है। गांधीवाद में साम्प्रदायिकता के लिए कोई स्थान नहीं है। ऐसी समस्या को हल करने के लिए गांधीजी ने अपने जीवन का बलिदान कर दिया था।
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर उत्तर दीजिये।
गांधीवाद में राजनीतिक और अध्यात्मिक तत्त्वों का समन्वय मिलाता है। वही इस वाद की विशेषता है| आज संसार में जितने भी वाद प्रचलित है वह प्राय: राजनीतिक क्षेत्र में सीमित हो चुके है। आत्मा से उनका सम्बन्ध-विच्छेद होकर केवल बाह्य संसार तक उनका प्रसार रह गया है। मन की निर्मलता और ईश्वर निष्ठा से आत्मा को शुद्ध करना गांधीवाद की प्रथम आवश्यकता है। ऐसा करने से नि: स्वार्थ बुद्धि का विकास होता है और मनुष्य सच्चे अर्थों में जनसेवा के लिए तत्पर हो जाता है। गांधीवाद में साम्प्रदायिकता के लिए कोई स्थान नहीं है। ऐसी समस्या को हल करने के लिए गांधीजी ने अपने जीवन का बलिदान कर दिया था।
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Question : 33
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