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Question Numbers: 41-42
निर्देश: दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्न के उत्तर दीजिये।
वरदन्त की पंगति कुंदकली अधराधर पल्लव लोचन की।
चपला चमके घन बिच जगै छवि मोतिन माल अमोलन की।।
घुंगरारी लटे लटके मुख ऊपर कुण्डल लाल कपोलन की।
निवछावर प्राण करे ‘तुलसी’ बलि जाऊं ललाइन बोलन की।।
निर्देश: दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्न के उत्तर दीजिये।
वरदन्त की पंगति कुंदकली अधराधर पल्लव लोचन की।
चपला चमके घन बिच जगै छवि मोतिन माल अमोलन की।।
घुंगरारी लटे लटके मुख ऊपर कुण्डल लाल कपोलन की।
निवछावर प्राण करे ‘तुलसी’ बलि जाऊं ललाइन बोलन की।।
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