'बकरी' नाटक के लेखक 'सर्वेश्वर दयाल सक्सेना' हैं। अन्य सभी नाटक बाल कृष्ण भट्ट द्वारा रचित हैं।
भट्टजी 'भारतेंदु युग' के नाटककर थे और भारतेंदु मंडली के प्रधान सदस्य भी।
प्रयाग में इन्होंने 'हिंदी प्रवर्द्धिनी' नामक सभा की स्थापना की थी और 'हिंदी प्रदीप' नामक पत्र प्रकाशित करते रहे। इसी पत्र में इनके अनेक निबन्ध दृष्टिगोचर होते हैं।
'हिंदी साहित्य सम्मेलन' प्रयाग ने इनके कुछ निबन्धों का संग्रह 'निबन्धावली' नाम से प्रकाशित भी करवाया था।