प्रकाश का वेग/गति वायु/निर्वात में लगभग 3 लाख किमी. प्रति सेकण्ड होती है तथा ध्वनि की गति वायु में 332 मी. प्रति सेकण्ड होती है, जबकि पानी में यह 4 गुना तक ज्यादा अर्थात् 1484m/ S तथा लोहे (ठोस) में ध्वनि की गति 5,120m∕s होती है। अर्थात्, प्रकाश की गति, ध्वनि की गति से लगभग 9 लाख गुना ज्यादा होती है। चूकि समुद्र में कई सारे लवण व खनिज घुले होते हैं तथा तापमान भी कम होता है इसलिए औसत रूप से 35%PPT (35 अणु लवण-1000 अणु पानी में) लवण जबकि नदी के जल में 2%PPT लवण घुले होते हैं अर्थात् नदी जल का घनत्व 1000Kg∕m3 जबकि समुद्र जल का घनत्व 1027Kg∕m3 होता है इसलिए समुद्र के पानी का घनत्व स्वच्छ जल या नदी के जल से ज्यादा होता है। वातावरण की नम हवा या आर्द्र हवा ( जलवाष्प) से लोहे की चादरों में जंग लगती है, न कि कार्बन डाइऑ- क्साइड की प्रतिक्रिया के (हवा) कारण। अतः उन्हें गैलेनाइज्ड करके एक हल्की जिंक परत चढ़ा कर सुरक्षित किया जा सकता हैं। अर्थात् जिक की परत चढ़ाने से वातावरण की नर्म हवा लोहे की चादरों से सीधे सम्पर्क में नहीं आ पाती और उसमें जंग नहीं लगता है।