मुहम्मद-बिन-तुगलक (दिल्ली का सुल्तान ) के शासन के अंतिम वर्षों में जो विद्रोह का सिलसिला आरंभ हुआ, उसका लाभ उठाकर हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने सन् 1336 ई. में दक्षिण भारत में विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की। यह साम्राज्य कृष्णा से कावेरी नदी तक और बंगाल की खाड़ी से अरब सागर तक विस्तृत था। विजयगनर की पुरानी राजधानी हम्पी (हस्तिनावती) थी। (हम्पी, विजयनगर का वर्तमान नाम है। तथा ये दोनों संगम वंश से थे)। हरिहर प्रथम (1336-56 ई.) के बाद उसका भाई बुक्का प्रथम (1356-77 ई.) विजयनगर का शासक बना। वैसे बुक्का ने 1346 ई. से ही संयुक्त शासक के रूप में शासन करना शुरू कर दिया था। इसने 1374 ई. में एक दूत मण्डल चीन भेजा था। संगम वंश के अंतिम शासक विरूपाक्ष द्वितीय ( 1465−85 ई.) के बाद विजयनगर पर सालुव वंश ( 1485−1505 ई.) की स्थापना हुई तथा इसका प्रथम शासक नरसिंह सालुव था।