मनसबदारी व्यवस्था मुगल सैन्य व्यवस्था मूलाधार थी, जो मंगोलों की दश्मलव प्रणाली पर आधारित थी। मुगलकाल में मनसबदारी प्रथा का प्रथम संकेत अकबर के शासनकाल के 11 वें वर्ष में मिलता है। तथापि मनसबदारों के चयन में योग्यता ही एकमात्र मानदंड नहीं होता था। कभी-कभी शासकों की कृपा भी मनसबदार बनने में सहायक होती थी। इस प्रकार कथन सही, किंतु कारण गलत है।