भारतीय संविधान के अंतर्गत मूल अधिकारों ( या संविधान ) का संरक्षक भारत की न्यायपालिका है, जिसके अन्दर सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय आते हैं। सर्वोच्च न्यायालय को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत 5 तरह के रिट प्राप्त हैं, जो किसी भारतीय नागरिक के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करनें के लिए प्राप्त है। अनुच्छेद 32 को मौलिक अधिकारों का मौलिक तत्त्व (Fundamental of Funda-mental Rights) कहा जाता है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर के शब्दों मे यह अनुच्छेद संविधान का हृदय और आत्मा है। उच्च न्यायालय को मौलिक अधिकारों का हनन होनें पर रिट जारी करने का प्रावधान अनुच्छेद-226 में है।