गाँधीजी की 11 सूत्री मांग पत्र पर विचार न करनें के कारण गाँधीजी ने सम्पूर्ण भारत में सविनय अवज्ञा आंदोलन ( 1930−31 ) की शुरुआत की । गाँधीजी ने इस आंदोलन के दौरान अंहिसात्मक ढंग से सरकार के प्रति असहयोग का रवैया अपनाया। महात्मा गाँधी की 12 मार्च, 1930 से प्रारंभ दांडी यात्रा से सविनय अवज्ञा आंदोलन देश भर में प्रारंभ हुआ। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ (तत्कालीन मध्य प्रांत ) में भी आंदोलन की शुरुआत हुई। इस आंदोलन के दौरान निम्न गतिविधियाँ राज्य में हुई:- 1. रायपुर शहर में पंडित रविशंकर शुक्ल द्वारा आंदोलन का श्री गणेश हुआ। इसके पश्चात् छत्तीसगढ़ में सविनय अवज्ञा आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं रहा। 2. रायपुर में ही 6 से 13 अप्रैल, 1930 तक राष्ट्रीय सप्ताह मनाया गया। 3. धमतरी में नारायण राव मेघावाले ने नमक कानून का उल्लंघन किया। इसके पश्चात् आंदोलन की शुरुआत की। 4. मेघावाले, जगताप आदि ने अगस्त 1930 में नवागाँव-रूद्री जंगलों में जंगल सत्याग्रह शुरू किया, जो बाद में हिंसक हो गया, इसी कारण पुलिस ने रूद्री के जंगलों में गोलियाँ चलाई, जिसके बाद आंदोलन शांत हो गया।