प्रत्यक्ष कर- वह कर जिसमें कराघात या करापात एक ही व्यक्ति पर पड़ता है अर्थात् प्रत्यक्ष कर में कर का भार किसी अन्य व्यक्ति पर विवर्तित नहीं किया जा सकता है। जैसे-आय- कर, निगमकर, संपत्ति कर ( 2015 से समाप्त ), एस्टेट ड्यूटी, भूमि कर इत्यादि। अप्रत्यक्ष कर- वह कर जिसमें कराघात और करापात भिन्न-भिन्न व्यक्तियों पर पड़ता है। जैसे -सेवा कर, कस्टम डयूटी, सेंट्रल एक्साइज, राज्य स्तर वैट (VAT) मनोरंजन कर इत्यादि। मूल्य संवर्द्धित कर प्रणाली (Value Added Tax: VAT) इस कर प्रणाली में वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन या विक्रय के प्रत्येक चरण पर उनमें किये गए मूल्य संवर्द्धन के आधार पर कर लगाया जाता है। अर्थात् कर पर कर लगना