छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में प्रमुख आदिवासी युवागृह निम्नानुसार है:- (1) घोटुल- यह मुड़िया जनजाति का युवागृह है अर्थात् महत्त्वपूर्ण सामाजिक सांस्कृतिक संस्था है। यह अविवाहित मुड़िया लड़के- लड़कियों का मिलनघर है जहाँ उन्हें समाजिक-सांस्कृतिक प्रशिक्षण दिया जाता है। देखने में घोटुल आँगन से घिरा बड़ा झोपड़ा या झोपड़ियों का समूह होता है तथा गाँव के रात्रिघर के रूप मे घोटुल का अस्तित्व परंपरागत रूप से मान्य है। (3) धुमकुड़िया-यह उराँवों का युवागृह है। धुमकुड़िया के सदस्यों के तीन आयु वर्ग है-
आयु
नाम
13 वर्ष से कम
पूना जोरंवार
13−18 वर्ष
मथजुटिया जोरंवार
18 वर्ष से बड़े
धांगर
धुमकुड़िया के मुखिया को धांगर महतो कहा जाता है, लड़कियों में वरिष्ठतम् सदस्य जो प्राय: विधवा होती है, को मुखिया बनाया जाता है, जिसे बारकिन धांगरिन कहा जाता है।