कलिंग (नंदराज का शासन) युद्ध में (261 ई.पू.) हुए खून-खराबे से अशोक का मन विचलित हो गया, और वह चंड अशोक से 'बौद्ध अशोक' बन गया। उसके बाद अशोक ने एक भी लड़ाई नहीं लड़ी। बाद मे उसने बौद्ध धर्म का प्रचार चीन, जापान तथा अन्य देशों तक किया। अशोक के अलावा मौर्य शासक 'दशरथ' बौद्ध था, जबकि चंद्रगुप्त एवं बिन्दुसार क्रमशः जैन तथा आजीवक धर्म से संबद्ध थे।