मीमांसा दर्शन का मत है कि वेद शाश्वत सत्य है। मीमांसा , जिसे पूर्व मीमांसा भी कहा जाता है , के प्रवर्तक जैमिनी माने जाते हैं। मीमांसा का प्रधान विषय धर्म बताया गया है। इसके अनुसार वेद ही धर्म के मूल है। वास्तव में यहाँ धर्म का संबंध उसके वास्तविक व व्यावहारिक पक्ष से है। जैमिनी के अनुसार 'धर्म वह आदेश है, जो मनुष्य को धर्म के लिए प्रेरित करता है '। धर्म का ज्ञान केवल अपौरूषेय वेदों से ही होता है। वेद जिसका विधान करते हैं, वह धर्म है तथा जिसका निषेध करते हैं, वह अधर्म है अर्थात् ' वेद शाश्वत सत्य है'।