छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु जंगली भैंसा या वन भैंसा (wild Buffalo or scientific Name-Bubalus Bubalis) है। वन भैंसा छत्तीसगढ़ के दुर्लभ एवं संकट ग्रस्त वन्य जीवों में से एक है। जिसके संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने उदन्ती अभ्यारण्य, पामेड़ अभ्यारण्य तथा इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया हुआ है। इनके वास क्षेत्रों/ स्थलों में बढ़ते जैविक दबाव के कारण वन भैंसा संकट बढ़ा है। शेर, मानव शिकारी तथा रिंडरपेस्ट नामक बीमारी इनके बड़े शत्रु है। बायसन के विपरीत वन भैंसे खेतों में प्रवेश कर जाते हैं। हर्ष के दरबारी कवि बाणभट्ट ने बाधंवगढ़ से बस्तर तक के क्षेत्र का विषद वर्णन संस्कृत में लिखे अपने ग्रंथ कादंबरी में किया है तथा उसमें इस क्षेत्रेत्र में वन भैंसों की प्रचुरता का वर्णन करते हुए उसे साक्षात मृत्यु का प्रतीक बताया गया है।