गंगा की सफाई के लिए सबसे पहला एक्शन प्लान 1985 मे राजीव गाँधी सरकार ने बनाया। दूसरा एक्शन प्लान 1993 में बनाया गया वर्ष 2009 में गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए राष्ट्रीय गंगा नदी तलहटी प्राधिकरण (NGRBA) बनाया गया, जो गंगा नदी के कायाकल्प और संरक्षण के लिए सबसे बड़ा प्राधिकरण है। इस प्राधिकरण की कार्यात्मक इकाई 'स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMCG) ' राष्ट्रीय स्तर पर समन्वयकारी संस्था है, जो राज्यों की संस्थाओं के साथ मिलकर गंगा की स्वच्छता के लिए काम करती है। 2014 में, NGRBA का पर्यावरण मंत्रालय से हटाकर जल संसाधन मंत्रालय के अंदर लाया गया। जिसका प्रधान भारत का प्रधानमंत्री होता है। 2037 करोड़ रू. की नमामि गंगे परियोजना केन्द्र सरकार ने 2014−15 में बनाई, जिसमे गंगा की सफाई का काम कई चरणों मे किया जाएगा और गंगा को 2018 तक पूर्णतः स्वच्छ बना दिया जाएगा। गंगा नदी भारत की सबसे बड़ी नदी है, यह भारत के 26% क्षेत्रफल का जलग्रहण करती है तथा गंगा के बेसिन क्षेत्र में भारत की 43% जनसंख्या निवास करती है।