आँख में प्रवेशित प्रकाश को आइरिस की सहायता से पुतली के पीछे स्थित लेंस की सहायता से रेटिना पर प्रतिबिबित किया जाता है अर्थात् किसी वस्तु का प्रतिबिब मनुष्य की आँखों में रेटिना पर बनता है। नोट: लेंस- कॉर्निया की तरह लेंस भी आँख के अंदर एक पारदर्शी ऊतक होता है तथा यह पुतली के पीछे स्थित होता है, और इसका कार्य प्रकाश की मदद से आईबॉल के पीछे ध्यान केंद्रित करना होता है अर्थात् यह प्रकाश की किरणों की दिशा को परिवर्तित कर रेटिना पर प्रतिबिम्ब बनाता है। आईबॉल- मानव आईबॉल पानी, जैली और प्रोटीन से बनी होती है। यह विस्तृत 3D छवियों का निर्माण करने में सक्षम होता है। आँखों की पलकों के साथ आईबॉल खुद पर ध्यान केंद्रित कर सकती है तथा यह दृष्टि को छोटे कण से दूर पर्वत की चोटी तक बदल सकती है। आईबॉल को ही पुतली कहते हैं।