महाप्रभु वल्लभाचार्य ( 1479-1531 ई.)- वल्लभाचार्य वैष्णव धर्म के कृष्ण मार्गी शाखा के दूसरे महान संत थे। इन्होंने सुबोधिनी, सिद्धांत रहस्य, अणुभास्य नामक पुस्तकों की रचना की है। वल्लभाचार्य ने कृष्णदेव राय के समय वैष्णव सम्प्रदाय की स्थापना की। ये शुद्धाद्वैत दर्शन (संस्थापक) में विश्वास करते थे तथा इनका दर्शन एक वैयक्तिक तथा प्रेममयी ईश्वर की अवधारणा पर केन्द्रत है। वे पुष्टिमार्ग और भक्तिमार्ग में विश्वास करते थे। इनका जन्म रायपुर जिले के चम्पारण्य में हुआ। चम्पारण्य का नाम चम्पकेश्वर महादेव के नाम पर पड़ा था। यह पहले शैव तीर्थ और अब वैष्णव तीर्थ के रूप में विख्यात है। इस तीर्थ के पास महानदी की एक शाखा जमनिया नाला है, जिसे वैष्णव भक्त यमुना अथवा कालिदी का रूप मानते हैं। यहाँ प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा के अवसर पर मेला लगता है।