महाभारत के पांडवों की कथा का छत्तीसगढ़ी लोकरूप (लोक नाट्य एवं लोक गायन ) पंडवानी है। पंडवानी का मूल आधार परधान एवं देवारों की पंडवानी गायकी, महाभारत की कथा और सबल सिंह चौहान की दोहा- चौपाई, महाभारत है, इसके मुख्य नायक भीम है। पंडवानी के लिए किसी विशेष अवसर, ऋतु या अनुष्ठान की आवश्य- कता नहीं होती है। पंडवानी की दो शाखाएँ है- 1. कापालिक- इसके प्रमुख गायक/गायिका- तीजन बाई, शांतिबाई चेलकने, ऊषा बाई बारले आदि। 2. वेदमती- इसके प्रमुख गायक-झाडूराम देवांगन, पुनाराम निषाद तथा पंचूराम रेवाराम आदि है। झाडूराम देवांगन, महाभारत के शांति पर्व को प्रस्तुत करने वाले सर्वश्रेष्ठ कलाकार है।अन्य कलाकार-दानी परधान, गोगिया परधान, रामजी देवार, पूनाराम निषाद, ऋतु वर्मा आदि है।