न्यायालय द्वारा विधायिका एवं कार्यपालिका द्वारा किए गए समस्त कार्यों जैसे कानून बनाना, संविधान संशोधन करना, नियम बनाना व उपनियम बनाना आदि का संविधान सम्मत समीक्षा करना न्यायिक पुनरावलोकन कहा जाता है। इसका उल्लेख संविधान में स्पष्टत: नहीं किया गया है बल्कि न्यायिक निर्णय से उत्पन्न हुआ है, अप्रत्यक्ष रूप से अनुच्छेद 13,131,132,246 आदि में दिखाई देता है। इसका आधार 'विधि की उचित प्रक्रिया' है। इसका सर्वाधिक प्रयोग यू.एस.ए. में होता है।