भारत में आधुनिक उद्योगों का विकास 19वीं सदी के मध्य में शुरू हुआ। जिसमें सूती वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में पहली वास्तविक कपड़ा मिल 1854 ई. में सर्वप्रथम कावस जी नानाभाई डाबर नामक एक पारसी ने बॉम्बे में स्थापित की। जिसका नाम बॉम्बे स्पिनिंग एण्ड वीविंग कम्पनी, बॉम्बे था। इससे पहले 1818 में कलकत्ता के फोर्ट ग्लोस्टर में पहला भारतीय कपड़ा मिल शुरू किया गया था जो असफल रहा। सूती वस्त्र उद्योगों के विकास में मुख्यत: भारतीय पूंजीपतियों की ही पूंजी लगी थी।