किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित समस्त अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के योग को सकल घरेलू उत्पाद
(GDP) कहते हैं। अगर इसमें समय के साथ आए मूल्य हास को जोड़ लिया जाए (वास्तव में घटा लिया जाए) तो यह शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) कहलाता है तथा अगर
GDP में विदेशों से अर्जित शुद्ध आय (Remmittence) को जोड़ लिया जाए, तो यह सकल राष्ट्रीय आय (GNP) कहलाती है, जबकि
GNP में अगर मूल्य ह्यास को घटा दिया जाए तो यह शुद्ध राष्ट्रीय आय (GNP) कहलाती है। ये चारों आय साधन लागत (Factor Cost) ( जब कोई टेक्स नहीं लगा हो) और बाजार मूल्य पर ( जब सारे टैक्स लगें हो) गणित की जाती है। अर्थात् भारत में वास्तविक राष्ट्रीय आय, साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय आय
(NNPFC) को कहते हैं। जबकि साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय आय (NNPFC) को कुल जनसंख्या से भाग दे दिया जाए, तो प्रति व्यक्ति ( औसत) आय निकल आती है , यद्यपि प्रति व्यक्ति, वास्तविक आय ज्ञात करना कठिन और असंभव कार्य है, परंतु किसी देश की आर्थिक वृद्धि का सर्वाधिक उपयुक्त माप प्रति व्यक्ति वास्तविक आय ही होता है तथा राष्ट्रीय आय या वास्तविक राष्ट्रीय आय हमेशा स्थिर और चालू मूल्यों पर ज्ञात की जाती है।