CTET 2 Math and Science 24 Jan 2023 Paper

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Question Numbers: 100-105
दिए गए काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
निर्निमेष, क्षण भर, मैं उनको रहा देखता -
सहसा मुझे स्मरण हो आया -कुछ दिन पहिले
बीज सेम के मैंने रोपे थे आँगन में,
और उन्हीं से बौने पौधों की यह पलटन
मेरी आँखों के सम्मुख अब खड़ी गर्व से
नन्हें नाटे पैर पटक, बढ़ती जाती है।
तब से उनको रहा देखता धीरे-धीरे
अनगिनती पत्तों से लद, भर गयी झाड़ियाँ,
हरे-भरे टंग गये कई मखमली चंदोवे !
बेले फैल गयी बल खा, आँगन में लहरा,
और सहारा लेकर बाड़े की टट्टी का
हरे-हरे सौ झरने फूट पड़े ऊपर को-
मैं अवाक् रह गया वंश कैसे बढ़ता है!
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Question : 100
Total: 150
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