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Question Numbers: 91-99
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
नदी में घुले रसायन कॉलरा, टायफ़ाइड और दस्त जैसी बीमारियाँ फैलाते हैं। दूषित पेय जल देश में, विशेष रूप से गाँवों में फैलने वाले रोगों का सबसे बड़ा कारण है। ज़हरीले रसायनों के कारण पानी का एक बहुत बड़ा भाग ऑक्सीजन रहित हो जाता है। ऐसी स्थिति में लाखों मछलियाँ ऑक्सीजन न मिलने के कारण दम घुटने से मर जाती हैं। रसायनों, उर्वरकों, कीटनाशकों, कारखानों के अशोधित अवशिष्टों और शहरों के हज़ारों टन अशोधित मल के कारण नदियाँ विषाक्त हो रही हैं यह आत्मघाती कदम है। कभी लोग नदियों के साथ सामंजस्य से रहा करते थे।
जब मनुष्य असभ्य था, तब नदियाँ स्वस्थ और स्वच्छ थीं आज जब मनुष्य सभ्य हो गया है तो नदियाँ मलिन और विषाक्त हो गई हैं। उन दिनों नदियों में स्वयं अपनी सफ़ाई करने की क्षमता थी परंतु बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण नदी अपनी यह क्षमता खोती जा रही है। जल प्रदूषण के विरुद्ध रणभेरी बजाने का समय आ गया है। हम इस धरती पर मेहमान ही तो हैं। हमारे आगमन के समय यह जैसी थी, अगर जाते समय कुछ और अच्छी न बना सकें, तो कम से कम खराब करके तो न जाएँ।
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
नदी में घुले रसायन कॉलरा, टायफ़ाइड और दस्त जैसी बीमारियाँ फैलाते हैं। दूषित पेय जल देश में, विशेष रूप से गाँवों में फैलने वाले रोगों का सबसे बड़ा कारण है। ज़हरीले रसायनों के कारण पानी का एक बहुत बड़ा भाग ऑक्सीजन रहित हो जाता है। ऐसी स्थिति में लाखों मछलियाँ ऑक्सीजन न मिलने के कारण दम घुटने से मर जाती हैं। रसायनों, उर्वरकों, कीटनाशकों, कारखानों के अशोधित अवशिष्टों और शहरों के हज़ारों टन अशोधित मल के कारण नदियाँ विषाक्त हो रही हैं यह आत्मघाती कदम है। कभी लोग नदियों के साथ सामंजस्य से रहा करते थे।
जब मनुष्य असभ्य था, तब नदियाँ स्वस्थ और स्वच्छ थीं आज जब मनुष्य सभ्य हो गया है तो नदियाँ मलिन और विषाक्त हो गई हैं। उन दिनों नदियों में स्वयं अपनी सफ़ाई करने की क्षमता थी परंतु बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण नदी अपनी यह क्षमता खोती जा रही है। जल प्रदूषण के विरुद्ध रणभेरी बजाने का समय आ गया है। हम इस धरती पर मेहमान ही तो हैं। हमारे आगमन के समय यह जैसी थी, अगर जाते समय कुछ और अच्छी न बना सकें, तो कम से कम खराब करके तो न जाएँ।
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Question : 95
Total: 150
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