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Question Numbers: 129-135
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए -
लोकतंत्र के तीन स्तंभ माने गए हैं - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इन तीनों को उनके कर्तव्य की याद दिलाने, सचेत करने और शिथिल होने पर सजग करने का कार्य मीडिया अर्थात् समाचार पत्र करते हैं I इसलिए, इसे लोकतंत्र का 'चौथा पाया' भी कहा जाता है I आधुनिक युग में समाज और राष्ट्र के जीवन में समाचारपत्रों का बहुत ही विशिष्ट और ऊँचा स्थान है I समाचारपत्र मानो अपने देश की सभ्यता, संस्कृति और शक्ति के मानदंड बन गए हैं। वे पाठक को जागरुक बनाते हैं, विचार-विश्लेषण में सहायता करते हैं और जनमत तैयार करते हैं। जिस देश में जितने अच्छे और जितने अधिक समाचारपत्र होते हैं, वह देश उतना ही उन्नत और प्रभावशाली समझा जाता है। लोक को जागृत करने और लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में जो काम समाचारपत्र कर जाते हैं वे बड़ी-बड़ी सेनाएँ और बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ भी नहीं कर पाते I
समाचारपत्र एक ओर तो जनता का मत सरकार और संसद पर प्रकट करते हैं, दूसरी ओर देश में सुदृढ़ और संपुष्ट लोकमत तैयार करते हैं। देश को सब प्रकार से जागृत और सजीव रखने में जितनी अधिक सहायता समाचारपत्रों से मिलती है उतनी शायद किसी और चीज़ से नहीं। इसलिए आजकल समाचारपत्रों को हर घर में पढ़ा जाता है I
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए -
लोकतंत्र के तीन स्तंभ माने गए हैं - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इन तीनों को उनके कर्तव्य की याद दिलाने, सचेत करने और शिथिल होने पर सजग करने का कार्य मीडिया अर्थात् समाचार पत्र करते हैं I इसलिए, इसे लोकतंत्र का 'चौथा पाया' भी कहा जाता है I आधुनिक युग में समाज और राष्ट्र के जीवन में समाचारपत्रों का बहुत ही विशिष्ट और ऊँचा स्थान है I समाचारपत्र मानो अपने देश की सभ्यता, संस्कृति और शक्ति के मानदंड बन गए हैं। वे पाठक को जागरुक बनाते हैं, विचार-विश्लेषण में सहायता करते हैं और जनमत तैयार करते हैं। जिस देश में जितने अच्छे और जितने अधिक समाचारपत्र होते हैं, वह देश उतना ही उन्नत और प्रभावशाली समझा जाता है। लोक को जागृत करने और लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में जो काम समाचारपत्र कर जाते हैं वे बड़ी-बड़ी सेनाएँ और बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ भी नहीं कर पाते I
समाचारपत्र एक ओर तो जनता का मत सरकार और संसद पर प्रकट करते हैं, दूसरी ओर देश में सुदृढ़ और संपुष्ट लोकमत तैयार करते हैं। देश को सब प्रकार से जागृत और सजीव रखने में जितनी अधिक सहायता समाचारपत्रों से मिलती है उतनी शायद किसी और चीज़ से नहीं। इसलिए आजकल समाचारपत्रों को हर घर में पढ़ा जाता है I
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