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Question Numbers: 121-128
निर्देश - निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चयन कर दीजिए।
पुराने जमाने के लोग सचमुच ही सोचते थे कि अक्षरों की खोज ईश्वर ने की है। पर आज हम जानते हैं कि अक्षरों की खोज किसी ईश्वर ने नहीं, बल्कि आदमी ने की है। अब तो हम यह भी जानते हैं कि किन अक्षरों की खोज किस देश में किस समय हुई!
हमारी यह धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है। दो-तीन अरब साल तक इस धरती पर किसी प्रकार के जीव-जन्तु नहीं थे। फिर करोड़ों साल तक केवल जानवरों और वनस्पतियों का ही इस धरती पर राज्य रहा।
आदमी ने इस धरती पर कोई पाँच लाख साल पहले जन्म लिया। धीरे-धीरे उसका विकास हुआ।
कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गांँवों को बसाना शुरू किया। वह खेती करने लगा। वह पत्थरों के औजारों का इस्तेमाल करता था। फिर उसने ताँबे और काँसे के भी औज़ार बनाए।
प्रागैतिहासिक मानव ने सबसे पहले चित्रों के जरिए अपने भाव व्यक्त किए। जैसे पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। इन चित्र - संकेतों से बाद में भाव संकेत अस्तित्व में आए। जैसे एक छोटे वृत्त के चहुँओर किरणों की द्योतक रेखाएंँ खींचने पर वह सूर्य का चित्र बन जाता था। बाद में यही चित्र ताप या धूप का द्योतक बन गया। इस तरह अनेक भाव संकेत अस्तित्व में आए।
निर्देश - निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चयन कर दीजिए।
पुराने जमाने के लोग सचमुच ही सोचते थे कि अक्षरों की खोज ईश्वर ने की है। पर आज हम जानते हैं कि अक्षरों की खोज किसी ईश्वर ने नहीं, बल्कि आदमी ने की है। अब तो हम यह भी जानते हैं कि किन अक्षरों की खोज किस देश में किस समय हुई!
हमारी यह धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है। दो-तीन अरब साल तक इस धरती पर किसी प्रकार के जीव-जन्तु नहीं थे। फिर करोड़ों साल तक केवल जानवरों और वनस्पतियों का ही इस धरती पर राज्य रहा।
आदमी ने इस धरती पर कोई पाँच लाख साल पहले जन्म लिया। धीरे-धीरे उसका विकास हुआ।
कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गांँवों को बसाना शुरू किया। वह खेती करने लगा। वह पत्थरों के औजारों का इस्तेमाल करता था। फिर उसने ताँबे और काँसे के भी औज़ार बनाए।
प्रागैतिहासिक मानव ने सबसे पहले चित्रों के जरिए अपने भाव व्यक्त किए। जैसे पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। इन चित्र - संकेतों से बाद में भाव संकेत अस्तित्व में आए। जैसे एक छोटे वृत्त के चहुँओर किरणों की द्योतक रेखाएंँ खींचने पर वह सूर्य का चित्र बन जाता था। बाद में यही चित्र ताप या धूप का द्योतक बन गया। इस तरह अनेक भाव संकेत अस्तित्व में आए।
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Question : 124
Total: 150
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