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Question Numbers: 129-135
"हुज़ूर। मैं तो चुपचाप चला जा रहा था," मुंँह पर हाथ रखकर खाँसते हुए ख्यूक्रिन ने कहा - " मुझे मिस्त्री मित्रिय से लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाना था, तब अचानक इस कमबख़्त ने अकारण मेरी उंँगली काट खाई। माफ करें! आप तो जानते हैं, मैं ठहरा एक कामकाजी आदमी...... मेरा काम भी एकदम पेचीदा किस्म का है, मुझे लग रहा है एक हफ्ते तक मेरी यह उँगली अब काम करने लायक नहीं हो पायेगी।
तो हुज़ूर! मेरी गुज़ारिश है कि इसके मालिकों से मुझे हर्ज़ाना तो दिलवाया जाए। यह तो किसी कानून में नहीं लिखा है हुजूर की आदमखोर जानवर हमें काट खाएँ और हम उन्हें बरदाश्त करते रहें अगर हर कोई इसी तरह काट खाना शुरू कर दे तो यह जिन्दगी तो नर्क हो जाए.......
"हूँ ठीक है ठीक," ओचुमेलाव ने अपना गला खँखारते और अपनी त्योरियाँ चढ़ाते हुए कहा - ठीक है, यह तो बताओ कि यह कुत्ता किसका हे। मैं इस मामले को छोड़ने वाला नहीं हूँ। कुत्तों को इस तरह आवारा छोड़ देने का मज़ा मैं इनके मालिकों को चखाकर रहूँगा। जो कानून का पालन नहीं करते, अब उन लोगों से निबटने का वक्त आ गया है। उस बदमाश आदमी को मैं इतना ज़ुर्माना ठोकूँगा ताकि उसे इल्म हो जाए कि कुत्तों और जानवरों को इस तरह आवारा छोड़ देने का क्या नतीजा होता है। मैं उसे ठीक करके रहूँगा," तब सिपाही की तरफ़ मुड़कर उसने अपनी बात जारी रखी। "येल्दीरीन, पता लगाओ यह पिल्ला किसका है और इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करो। इस कुत्ते को बिना देरी किए खत्म कर दिया जाए। शायद यह पागल हो - मैं पूछ रहा हूँ आख़िर यह किसका कुत्ता है?
मेरे ख्याल से यह जनरल झिगालांव का है, भीड़ से एक आवाज उभरकर आई। जनरल झिगालांव!
हूँ येल्दीरीन, मेरा कोट उतरवाने में मेरी मदद करो..... ओफ्फ! आज कितनी गरमी है। लग रहा है बारिश होकर रहेगी," वह ख्यूक्रिन की तरफ मुड़ा - "एक बात मेरी समझ में नहीं आती आख़िर इसने तुम्हे कैसे काट खाया?
"हुज़ूर। मैं तो चुपचाप चला जा रहा था," मुंँह पर हाथ रखकर खाँसते हुए ख्यूक्रिन ने कहा - " मुझे मिस्त्री मित्रिय से लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाना था, तब अचानक इस कमबख़्त ने अकारण मेरी उंँगली काट खाई। माफ करें! आप तो जानते हैं, मैं ठहरा एक कामकाजी आदमी...... मेरा काम भी एकदम पेचीदा किस्म का है, मुझे लग रहा है एक हफ्ते तक मेरी यह उँगली अब काम करने लायक नहीं हो पायेगी।
तो हुज़ूर! मेरी गुज़ारिश है कि इसके मालिकों से मुझे हर्ज़ाना तो दिलवाया जाए। यह तो किसी कानून में नहीं लिखा है हुजूर की आदमखोर जानवर हमें काट खाएँ और हम उन्हें बरदाश्त करते रहें अगर हर कोई इसी तरह काट खाना शुरू कर दे तो यह जिन्दगी तो नर्क हो जाए.......
"हूँ ठीक है ठीक," ओचुमेलाव ने अपना गला खँखारते और अपनी त्योरियाँ चढ़ाते हुए कहा - ठीक है, यह तो बताओ कि यह कुत्ता किसका हे। मैं इस मामले को छोड़ने वाला नहीं हूँ। कुत्तों को इस तरह आवारा छोड़ देने का मज़ा मैं इनके मालिकों को चखाकर रहूँगा। जो कानून का पालन नहीं करते, अब उन लोगों से निबटने का वक्त आ गया है। उस बदमाश आदमी को मैं इतना ज़ुर्माना ठोकूँगा ताकि उसे इल्म हो जाए कि कुत्तों और जानवरों को इस तरह आवारा छोड़ देने का क्या नतीजा होता है। मैं उसे ठीक करके रहूँगा," तब सिपाही की तरफ़ मुड़कर उसने अपनी बात जारी रखी। "येल्दीरीन, पता लगाओ यह पिल्ला किसका है और इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करो। इस कुत्ते को बिना देरी किए खत्म कर दिया जाए। शायद यह पागल हो - मैं पूछ रहा हूँ आख़िर यह किसका कुत्ता है?
मेरे ख्याल से यह जनरल झिगालांव का है, भीड़ से एक आवाज उभरकर आई। जनरल झिगालांव!
हूँ येल्दीरीन, मेरा कोट उतरवाने में मेरी मदद करो..... ओफ्फ! आज कितनी गरमी है। लग रहा है बारिश होकर रहेगी," वह ख्यूक्रिन की तरफ मुड़ा - "एक बात मेरी समझ में नहीं आती आख़िर इसने तुम्हे कैसे काट खाया?
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