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Question Numbers: 121-128
निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए:
अच्छा स्वास्थ्य प्रसन्नता पर निर्भर है, जितने अधिक प्रसन्न हम रहते हैं, स्वास्थ्य उतना ही अधिक अच्छा रहता है लेकिन मनुष्य के लिए प्रसन्नता का स्रोत क्या है? प्रसन्नता प्रत्यक्ष रूप से जीवन शैली, प्रकृति से मित्रता की गहराई, कार्यक्षेत्र में प्राप्त संतुष्टता, उपार्जित धन, पद, जीवन में प्राप्त उपलब्धियाँ, सफलताएँ एवं प्रसिद्धि आदि तत्वों के साथ सोच में भारी सकारात्मकता एवं मानसिक शान्ति पर निर्भर करती है। प्रायः मनुष्य जीवन में छोटी-छोटी उपलब्धताओं एवं सफलताओं की प्राप्ति की प्रसन्नता की महत्ता को त्याग कर बड़ी सफलताओं के पीछे भागता रहता है। भूल जाता है कि सफलता तो सफलता है छोटी-बड़ी का क्या अर्थ है। प्रसन्नता के इन तत्वों का सीधा सम्बन्ध हमारी सोच की सकारात्मकता पर निर्भर करता है। जीवन में घटित प्रत्येक क्रिया को किस प्रकार से लिया जाता है - सोचने के दो पहलू हैं- सकारात्मक और नकारात्मक। सोच में सकारात्मकता जितनी अधिक एवं गहरी होगी, उपलब्धियों एवं सफलताओं को प्राप्त करना उतना ही आसान होगा तथा वह प्रसन्नता प्राप्ति की, उसी अनुपात में, वृद्धि का कारण बनेगी।
अतः जहाँ स्वास्थ्य की निर्भरता जीवन में प्राप्त प्रसन्नता पर है वहीं प्रसन्नता सीधी सकारात्मकता पर निर्भर है। यह व्यक्ति पर निर्भर है कि वह क्या चाहता है एवं चुनता है। इसलिए मनुष्य को सकारात्मक होना चाहिए सकारात्मक सोच, सकारात्मक कार्य शैली अपनाएँ। अच्छे स्वास्थ्य की यही एकमात्र कुंजी है।
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अच्छा स्वास्थ्य प्रसन्नता पर निर्भर है, जितने अधिक प्रसन्न हम रहते हैं, स्वास्थ्य उतना ही अधिक अच्छा रहता है लेकिन मनुष्य के लिए प्रसन्नता का स्रोत क्या है? प्रसन्नता प्रत्यक्ष रूप से जीवन शैली, प्रकृति से मित्रता की गहराई, कार्यक्षेत्र में प्राप्त संतुष्टता, उपार्जित धन, पद, जीवन में प्राप्त उपलब्धियाँ, सफलताएँ एवं प्रसिद्धि आदि तत्वों के साथ सोच में भारी सकारात्मकता एवं मानसिक शान्ति पर निर्भर करती है। प्रायः मनुष्य जीवन में छोटी-छोटी उपलब्धताओं एवं सफलताओं की प्राप्ति की प्रसन्नता की महत्ता को त्याग कर बड़ी सफलताओं के पीछे भागता रहता है। भूल जाता है कि सफलता तो सफलता है छोटी-बड़ी का क्या अर्थ है। प्रसन्नता के इन तत्वों का सीधा सम्बन्ध हमारी सोच की सकारात्मकता पर निर्भर करता है। जीवन में घटित प्रत्येक क्रिया को किस प्रकार से लिया जाता है - सोचने के दो पहलू हैं- सकारात्मक और नकारात्मक। सोच में सकारात्मकता जितनी अधिक एवं गहरी होगी, उपलब्धियों एवं सफलताओं को प्राप्त करना उतना ही आसान होगा तथा वह प्रसन्नता प्राप्ति की, उसी अनुपात में, वृद्धि का कारण बनेगी।
अतः जहाँ स्वास्थ्य की निर्भरता जीवन में प्राप्त प्रसन्नता पर है वहीं प्रसन्नता सीधी सकारात्मकता पर निर्भर है। यह व्यक्ति पर निर्भर है कि वह क्या चाहता है एवं चुनता है। इसलिए मनुष्य को सकारात्मक होना चाहिए सकारात्मक सोच, सकारात्मक कार्य शैली अपनाएँ। अच्छे स्वास्थ्य की यही एकमात्र कुंजी है।
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