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Question Numbers: 91-99
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न का उपयुक्त विकल्प चुनिए।
वाणी एक अनमोल वरदान है। कोयल अपनी मीठी वाणी से सबका मन हर लेती हैं, जबकि कौए की काँव-काँव किसी को अच्छी नहीं लगती। वाणी के बिना सब कुछ सूना है मीठी वाणी का प्रभाव बहुत व्यापक होता है। मीठी वाणी से सभी कार्य सिद्ध हो जाते है। मधुर बोलने वाले का समाज में बहुत आदर होता है। मधुरभाषी के मुख से निकला एक-एक शब्द सुनने वाले के मन को लुभाता है। उसके संपर्क में आने वाला व्यक्ति उसके वश में हो जाता है। मीठी वाणी केवल सुनने वाले को ही आनंदित नहीं करती वरन् बोलने वाले को भी आनंद पहुँचाती है। तुलसी ने कहा है- 'मीठे वचन तैं सुख उपजत चहुँ ओर'। मृदुभाषी समाज में सद्भावना का प्रसार करता है। कटु भाषा बोलने वाले को अनेक प्रकार की हानियाँ उठानी पड़ती हैं। ऐसे व्यक्ति के लिए ही कहा गया है- 'खीरे का मुँह का कै, मलियत नौन लगाय। रहिमन कड़वे मुखन कौ, चहियत यही सजाय।' कटु भाषा का प्रयोग काम को बिगाड़ देता है। जहाँ मधुर वाणी अमृत है, वहीं कटु वाणी विष है। कहा भी गया है- 'मधुर वचन है औषधि, कटुक वचन है तीर'।
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न का उपयुक्त विकल्प चुनिए।
वाणी एक अनमोल वरदान है। कोयल अपनी मीठी वाणी से सबका मन हर लेती हैं, जबकि कौए की काँव-काँव किसी को अच्छी नहीं लगती। वाणी के बिना सब कुछ सूना है मीठी वाणी का प्रभाव बहुत व्यापक होता है। मीठी वाणी से सभी कार्य सिद्ध हो जाते है। मधुर बोलने वाले का समाज में बहुत आदर होता है। मधुरभाषी के मुख से निकला एक-एक शब्द सुनने वाले के मन को लुभाता है। उसके संपर्क में आने वाला व्यक्ति उसके वश में हो जाता है। मीठी वाणी केवल सुनने वाले को ही आनंदित नहीं करती वरन् बोलने वाले को भी आनंद पहुँचाती है। तुलसी ने कहा है- 'मीठे वचन तैं सुख उपजत चहुँ ओर'। मृदुभाषी समाज में सद्भावना का प्रसार करता है। कटु भाषा बोलने वाले को अनेक प्रकार की हानियाँ उठानी पड़ती हैं। ऐसे व्यक्ति के लिए ही कहा गया है- 'खीरे का मुँह का कै, मलियत नौन लगाय। रहिमन कड़वे मुखन कौ, चहियत यही सजाय।' कटु भाषा का प्रयोग काम को बिगाड़ देता है। जहाँ मधुर वाणी अमृत है, वहीं कटु वाणी विष है। कहा भी गया है- 'मधुर वचन है औषधि, कटुक वचन है तीर'।
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Question : 94
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