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Question Numbers: 91-99
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
भारत से लगे समुद्र में 500 से अधिक द्वीप हैं । सदियों से इनमें आदिवासी रहते आए हैं। इनकी जीवन-शैली पाषाण युग के मनुष्य की तरह है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का एक छोटा किंतु अत्यंत खूबसूरत द्वीप है चावरा द्वीप । कारनिकोबार इस द्वीप समूह का सर्वाधिक महत्वपूर्ण द्वीप है। कारनिकोबार के वासियों ने चावरा द्वीप की खोज बड़े रोमांचक तरीके से की थी। मनुष्य का स्वभाव नई-नई चीज़ों को खोजने और जानने का रहा है। इस गुण के कारण ही खोजों का सिलसिला शुरू हुआ। इनके लिए समुद्र - यात्रा एक भारी समस्या थी। तब तक इन आदिवासियों को नाव बनाने का ज्ञान नहीं था। जब यह तय हो गया कि खोज पर निकलना ही है तब कई दिमाग सक्रिय हो उठे। निकोबारियों पर एक ही धुन सवार रहने लगी कि कुछ न कुछ किया जाए। तरह-तरह के प्रयोग होने लगे। अचानक कुछ लोगों को ध्यान आया कि जब लकड़ी पानी में गिर जाती है तो वह तैरती रहती है। उन्होंने प्रयोग के तौर पर नारियल का एक पेड़ उखाड़ कर उसे छीलना आरंभ किया। तरह-तरह से काटा। उसका आकार छोटा किया। गोलाई कम की। पानी पर तैराकर देखना शुरू किया। इससे उन्हें संतुलन की कला समझ में आई और आखिरकार एक छोटी-सी नाव बना ली। नाव को नाम दिया- केनो।
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
भारत से लगे समुद्र में 500 से अधिक द्वीप हैं । सदियों से इनमें आदिवासी रहते आए हैं। इनकी जीवन-शैली पाषाण युग के मनुष्य की तरह है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का एक छोटा किंतु अत्यंत खूबसूरत द्वीप है चावरा द्वीप । कारनिकोबार इस द्वीप समूह का सर्वाधिक महत्वपूर्ण द्वीप है। कारनिकोबार के वासियों ने चावरा द्वीप की खोज बड़े रोमांचक तरीके से की थी। मनुष्य का स्वभाव नई-नई चीज़ों को खोजने और जानने का रहा है। इस गुण के कारण ही खोजों का सिलसिला शुरू हुआ। इनके लिए समुद्र - यात्रा एक भारी समस्या थी। तब तक इन आदिवासियों को नाव बनाने का ज्ञान नहीं था। जब यह तय हो गया कि खोज पर निकलना ही है तब कई दिमाग सक्रिय हो उठे। निकोबारियों पर एक ही धुन सवार रहने लगी कि कुछ न कुछ किया जाए। तरह-तरह के प्रयोग होने लगे। अचानक कुछ लोगों को ध्यान आया कि जब लकड़ी पानी में गिर जाती है तो वह तैरती रहती है। उन्होंने प्रयोग के तौर पर नारियल का एक पेड़ उखाड़ कर उसे छीलना आरंभ किया। तरह-तरह से काटा। उसका आकार छोटा किया। गोलाई कम की। पानी पर तैराकर देखना शुरू किया। इससे उन्हें संतुलन की कला समझ में आई और आखिरकार एक छोटी-सी नाव बना ली। नाव को नाम दिया- केनो।
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Question : 93
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