CTET Class I to V 28 Jan 2023 Paper

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Question Numbers: 91-99
निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
हमारे जल स्रोतों में अनेक उद्योगशालाओं के अपद्रव्य आकर घुल रहे हैं जो उसे विषैला बना रहे हैं। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा तो बढ़ ही रही है साथ ही साथ अनेक विषैली गैसें भी साँस लेने वाली ऑक्सीजन गैस के प्रतिशत को प्रभावित कर रही हैं। सामान्य तौर पर देखें तो यदि एक कमरे में लकड़ी के कोयले अथवा जलती लकड़ी का धुआँ फैल जाए और कुछ समय के लिए प्राणवायु न मिले तो ऐसे वातावरण में व्यक्ति की कुछ ही समय में मृत्यु हो सकती है। तब फिर बड़ी-बड़ी उद्योगशालाओं के आस-पास बसी हुई बस्तियों का, वहाँ के रहने वालों का क्या हाल होगा ? आज हमारा पर्यावरण जितना प्रदूषित, विकारग्रस्त और प्राणलेवा होता जा रहा है यदि इसके कारणों पर विचार करें तो मुख्य कारण औद्योगीकरण की निरंतर बढ़ती प्रवृत्ति और भिन्न प्रकार के आणविक परीक्षणों का दुःखद परिणाम माना जा सकता है।
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Question : 94
Total: 150
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