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Question Numbers: 100-105
निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
जहाँ मन निर्भय हो
और मस्तक गर्व से ऊँचा हो,
जहाँ ज्ञान सहज ही प्राप्त हो
जहाँ विश्व को बाँटा न गया हो
संकीर्ण दीवारों से !
जहाँ शब्द निकलते हों
सत्य की गहराइयों से
जहाँ बिना थके कार्यशील बाँहें
उठती हों निर्माण की ऊँचाइयाँ छूने
जहाँ तर्क की धारा ने
नहीं खोया है अपना पथ
मृतप्राय आदतों के सूखे रेगिस्तान में।
ओ पिता ! मेरे देश को जागृत करो
जागृत करो ! जागृत करो !
निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
जहाँ मन निर्भय हो
और मस्तक गर्व से ऊँचा हो,
जहाँ ज्ञान सहज ही प्राप्त हो
जहाँ विश्व को बाँटा न गया हो
संकीर्ण दीवारों से !
जहाँ शब्द निकलते हों
सत्य की गहराइयों से
जहाँ बिना थके कार्यशील बाँहें
उठती हों निर्माण की ऊँचाइयाँ छूने
जहाँ तर्क की धारा ने
नहीं खोया है अपना पथ
मृतप्राय आदतों के सूखे रेगिस्तान में।
ओ पिता ! मेरे देश को जागृत करो
जागृत करो ! जागृत करो !
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