सही उत्तर विकल्प 1 यानी साइमन कमीशन, पूना समझौता, वेवेल योजना है। साइमन कमीशन (1927): लॉर्ड बर्कनहेड ने भारत सरकार अधिनियम 1919 के कामकाज की देखरेख करने के लिए वर्ष 1927 में साइमन कमीशन की नियुक्ति की और भारतीयों को अपना संविधान बनाने की चुनौती दी थी। बर्कनहेड द्वारा दी गई चुनौती ने 1928 में नेहरू की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया। साइमन कमीशन को भारतीय वैधानिक आयोग के रूप में जाना जाता है। जॉन साइमन कमीशन के प्रमुख थे। आयोग के सभी 7 सदस्य ब्रिटिश थे। आयोग में कोई भारतीय प्रतिनिधित्व नहीं था। जस्टिस पार्टी और मुस्लिम लीग के एक वर्ग को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों ने आयोग का स्वागत किया। पंजाब में लाला लाजपत राय ने आयोग के विरोध के दौरान अपनी जान गंवाई पूना समझौता (1932): यह गांधी और अम्बेडकर के बीच एक समझौता था। गांधी की ओर से मदन मोहन मालवीय ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस संधि के अनुसार: दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल को संयुक्त निर्वाचक मंडल द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। मैकडॉनल्ड द्वारा घोषित 71 सीटों के मुकाबले, इस संधि ने प्रांतीय विधायिका में 148 सीटें आरक्षित कीं। केंद्रीय विधायिका में कुल सीटों का लगभग 18% प्रेस वर्ग के लिए आरक्षित था। वेवेल योजना/शिमला सम्मेलन (1945): इसका नाम भारत के वायसराय लॉर्ड वेवेल के नाम पर रखा गया था। इस योजना के कुछ प्रस्ताव हैं: वायसराय और कमांडर इन चीफ के अलावा वायसराय कार्यकारी परिषद के सभी सदस्य भारतीय होंगे। एक तरह की अंतरिम सरकार का सुझाव दिया गया था। गवर्नर-जनरल से विदेशी मामलों के पोर्टफोलियो का भारतीय सदस्य में स्थानांतरण।