भारत की पहली किसान रेल को महारास्ट्र के देवलाली रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री- नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री- पीयूष गोयल ने इसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च किया है।
यह भारत की पहली ऐसी ट्रेन है जो महाराष्ट्र और बिहार के बीच सब्जियों और फलों को ले जा रही है। यह 31 घंटे में 1,519 किलोमीटर की यात्रा को पूरी करती है।
यह किसान ट्रेन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
यह ट्रेन कम समय में सब्जियों, फलों जैसे खराब होने वाले कृषि उत्पादों को बाजार में लाने में मदद करेगी। इसमें प्रोजेन कंटेनर शामिल होंगे और दूध, मांस और मछली जैसे खराब होने वाले पदार्थों के लिए एक निर्बाध नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाने में मदद करेंगे।
"किसान रेल" से संबंधित घोषणा बजट 2020 में की गई थी। निर्मला सीतारमण (भारत के वित्त मंत्री) ने सार्वजनिक-निजी-साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से एक 'किसान रेल' की स्थापना की परिकल्पना की है, जिससे खराब होने वाले माल की ढुलाई के लिए कोल्ड सप्लाई चेन को बढ़ावा दिया जा सके।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय एफपीओ, वेयरहाउसिंग, तापमान-नियंत्रित स्टोरेज आदि के माध्यम से खेपों के एकत्रीकरण की व्यवस्था का समन्वय करेगा। मंत्रालय उत्पादन के मौसम के साथ-साथ किसान स्पेशल मार्गों पर उत्पादन केंद्रों का विवरण भी प्रदान करेगा।