IBPS RRB PO Mains 29 Sep 2024 Paper

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Question Numbers: 131-135
काव्य हमारे साहित्य का आरम्भ काव्यमय है । वह एक द्रष्टा कवि का ... 1... दर्शन है। आत्मा की मनन शक्ति की वह असाधारण अवस्था, जो श्रेय सत्य को उसके मूल चारुत्व में सहसा ....2.... कर लेती है, में संकल्पनात्मक मूल अनुभूति कही जा सकती है। कोई भी यह प्रश्न कर सकता है कि संकल्पनात्मक मन की ....3..... अनुभूतियाँ श्रेय से ही पूर्ण होती हैं। इसमें क्या प्रमाण है ? किन्तु साथ ही साथ असाधारण अवस्था का भी उल्लेख किया गया है।असाधारण अवस्था युगों की समष्टि अनुभूतियों में .....4..... होती हैं, क्योंकि सत्य अथवा श्रेय ज्ञान कोई व्यक्तिगत सत्ता नहीं, वह एक शाश्वत चेतनता है । या चिन्मयी ज्ञान धारा है, जो व्यक्तिगत सत्ता नहीं, वह एक शाश्वत चेतनता है, या चिन्मयी ज्ञान धारा है, जो व्यक्तिगत स्थानीय केन्द्रों के नष्ट हो जाने पर भी निर्विशेष रूप से.... 5.... रहती है। प्रकाश की किरणों के समान भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के दर्पण में प्रतिफलित होकर वह आलोक को सुन्दर और ऊर्जस्वित बनाती है।
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Question : 133
Total: 200
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