जब हवा के माध्यम से चलने वाली प्रकाश किरणें ग्लास स्लैब में प्रवेश करती हैं, तो वे अपवर्तित हो जाती हैं और सामान्य की ओर झुक जाती हैं। जब वह कांच के स्लैब से निकल कर वापस हवा में प्रवेश करती हैं तो अपवर्तित किरण की दिशा फिर से बदल जाती है। चूँकि प्रकाश की किरण अब सघन माध्यम से विरल माध्यम तक जाती है, तो यह सामान्य से दूर झुक जाती है। इस मामले में आपतित किरण और निर्गत किरण एक दूसरे के समानांतर होती हैं।