ईसा पूर्व 4 वीं शताब्दी में ग्रीक दार्शनिक अरस्तू ने लेसवोस की यात्रा की, जो एजियन टेमिंग में वन्य जीवन से पूर्ण एक द्वीप था। वहाँ जो कुछ भी उसे मिला, उसके साथ उसका आकर्षण और इसके बारे में उसके श्रमसाध्य अध्ययन ने एक नए विज्ञान- जीव विज्ञान को जन्म दिया। इसलिए, उन्हें जीव विज्ञान के पिता के रूप में जाना जाता है।