(3) नील विद्रोह किसानों द्वारा किया गया एक आन्दोलन था जो बंगाल के किसानों द्वारा सन् 1859 में किया गया था। किन्तु इस विद्रोह की जड़ें आधी शताब्दी पुरानी थीं, अर्थात् नील कृषि अधिनियम (indigo plantation act) का पारित होना। यह विद्रोह गोबिंदपुर और चौगाकुश कृष्णानगर, नादिया जिले के गाँवों से शुरू हुआ, जहाँ बिष्णुचरण बिस्वास और दिगम्बर बिस्वास ने इसकी अगुआई की थी। उन्होंने बागान मालिकों के खिलाफ हुए विद्रोह का नेतृत्व किया। विद्रोह को अंग्रेजों द्वारा बेरहमी से दबा दिया गया था।