SSC GD Constable 13 Jan 2023 Shift 4 Paper

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Question Numbers: 96-100
निचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर निम्नांकित गद्यावतरण के आधार पर दीजिए।
जिन दिनों जीवन अपेक्षाकृत गतिहीन था, उन दिनों कथनी और करनी का विरोध उतना नहीं था, लेकिन ज्यों - ज्यों राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तनों की रफ्तार तेज होती गयी, इस विरोध की उग्रता भी अधिकाधिक (1)_______ होती गयी। आज जब हम (2)_______ के दरवाजे पर खड़े हैं, तब हमें अपने इस आंतरिक विरोध का शमन करना ही पड़ेगा अन्यथा सर्वनाश अवश्यंभावी है। मानव - मन की अतल गहराई में हम यदि झाँक कर देखें तो वहाँ आज भी (3)_______ की दमित वासनाएँ केंचुली मारे बैठी हैं। वाणी उसकी कितनी ही सांस्कारिक क्यों न हो गयी हो, पर (4)_______ में मैल के पर्त और भी मोटे होते गए हैं। हमारे आचरण की तुलना में हमारे उद्गार इतने ऊँचे हैं कि उन्हें सुनकर आश्चर्य होता है। बात तो हम 'वसुधैव कुटुम्बकम' की करते हैं, परंतु काम हमारे कुछ और होते हैं। सिद्धांत तो सहिष्णुता का बघारते हैं, लेकिन व्यवहार में हम चाहते हैं कि दूसरे भी वही सोचे, जो हम सोचते हैं - हमारा नेतृत्व और श्रेष्ठता बेझिझक स्वीकार करे। यह खतरे की स्थिति में है और यह खतरा बाहर नहीं, हमारे भीतर बैठा (5)_______ की ताक में है।
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Question : 97
Total: 100
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