पूना संधि पर 24 सितंबर 1932 को पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में हस्ताक्षर किए गए थे।
पूना संधि को वायसराय लॉर्ड विलिंगडन (1932-1936) के कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षरित किया गया था।
पूना संधि का तात्पर्य डॉ. भीमराव अम्बेडकर और महात्मा गांधी के बीच एक समझौते से है।
इस समझौते में गांधी ने जेल में रहकर ब्रिटिश प्रधान मंत्री रामसे मैकडोनाल्ड को पिछड़े वर्गों के लिए अगल से निर्वाचक मंडल के निर्णय के विरोध में आमरण अनशन किया।
महात्मा गांधी ने आमरण अनशन किया और यरवदा सेंट्रल जेल में दलितों के लिए अलग निर्वाचक मंडल के प्रावधान पर आपत्ति जताई।