UP Police ASI Exam 22 Dec 2018 Shift 1 Solved Paper

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Question Numbers: 29-
भाषा परिवार
भाषाओं के पारिवारिक वर्गीकरण का अर्थ है विश्व की भाषाओं को परिवार में बाँटना। जैसे एक माता-पिता से उत्पन्न व्यक्ति एक ही परिवार के कहें जाते हैं, उसी प्रकार एक-भाषा से निकली हुई बोलियाँ भी, एक परिवार की ही कहलाती हैं। भाषाओं और बोलिओं के परिवारों का निर्धारण मुख्यतः दो बातं पर होता है। 1. भाषिक समानता 2. स्थानिक समीपता। इसमें भाषिक समानता पाँच प्रकार के हैं- अ) ध्वनि की समानता आ) शब्द की समानता इ) रुप रचना की समानता ई) वाक्य रचना की समानता उ) अर्थ की समानता। इनमें रुप रचना की समानता प्रमुख है। विश्व के भाषा खंड चार है- 1. अफ्रिका खण्ड - इसमें मुख्यतः चार भाषा परिवार है अ) बुशमैन आ) बांद इ) सूडान ई) हैमेटिक सैमेटिक। 2. यूरेशिया खण्ड - इसके 9 भाग है - अ) हैमेटिक - सैमेटिक आ) काकेशियन इ) यूराल अलाटइक ई) चीनी उ) द्राविड़ ऊ) आस्ट्रो एशियाटिक ऋ) जापानी कोरियाई ए) मलय पालिनेशियन ऐ) भारोपीय परिवार। 3. प्रशांत महासागरीय खण्ड - मलय पालिनेशियन परिवार। 4. अमरीका खण्ड - अमरीकी भाषा परिवार। विश्व के प्रमुख भाषा परिवारों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है द्रविड़ परिवार - इसका क्षेत्र दक्षिणी भारत उत्तरी लंका, लक्षद्विप, बलूचिस्तान, मध्यप्रदेश, बिहार, उड़ीसा। द्रविड़ परिवार पर संस्कृत का प्रभाव है इसी के अंन्तर्गत तमिल, मलयालम, तेलगु और कन्नड़ है। भारोपीय परिवार - भारत से लेकर प्रायः सारे यूरेोप तक बोले जाने के कारण इस परिवार को भारोपीय परिवार कहते है। क्षेत्र - भारत, बंग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान। यूरोपीय परिवार में - रुस, रुमानिया, फ्रांस, पुर्तगाल, स्पेन, इंग्लैण्ड, जर्मनी, अमेरिका, कनाड़ा, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया। मुख्य भाषाएँ - प्राचीन संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, प्राचीन फारसी, पुर्तगाली, इतावली, फारसी, हिन्दी, बंगाली, गुजराती, मराठी आदि।
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Question : 29
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