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Question Numbers: 67-71
घोड़ों की टापों की आवाज सुनकर ममता भयभीत हो गई। पथिक ने कहा, ''वह स्त्री कहॉं गई है उसे खोेज निकालो।'' ममता छिपने के लिए अधिक सचेत हुई। वह मृगदाव मे चली गई। दिनभर उसमें से न निकली। संध्या में जब उन लोगों के जाने का उपक्रम हुआ, तो ममता ने सुना, पथिक घोड़े पर सवार होते हुए कह रहा था, ''मिरजा! उस स्त्री को मैं कुछ न दे सका, उसका घर बनवा देना, क्योंकि मैंने विपत्ति में यहॉं विश्रााम पाया था। यह स्थान भूलना मत।''
चौसा के मुगल-पठान युद्ध को बहुत दिन बीत गए। ममता अब सत्तर वर्ष की वृद्धा है। वह अपनी झोपड़ी में एक दिन पड़ी थी। उसका जीर्ण कंकाल खॉंसी से गूंज रहा था। ममता ने जल पीना चाहा एक स्त्री ने सौंपी से जल पिलाया। सहसा एक अश्वारोही झोपड़ी के द्वार पर दिखाई पड़ा, मीरजा ने जो चित्र बनाकर दिया था इसी जगह का होना चाहिए। बुढि़या मर गई होगी अब किससे पूछूँ कि एक दिन शहंशाह हुमायूँ ने किस छप्पर केे नीचे विश्राम किया था।
उपरोक्त गदयांश को पढ़कर नीचे लिखें प्रश्नो के उत्तर दीजिए-
घोड़ों की टापों की आवाज सुनकर ममता भयभीत हो गई। पथिक ने कहा, ''वह स्त्री कहॉं गई है उसे खोेज निकालो।'' ममता छिपने के लिए अधिक सचेत हुई। वह मृगदाव मे चली गई। दिनभर उसमें से न निकली। संध्या में जब उन लोगों के जाने का उपक्रम हुआ, तो ममता ने सुना, पथिक घोड़े पर सवार होते हुए कह रहा था, ''मिरजा! उस स्त्री को मैं कुछ न दे सका, उसका घर बनवा देना, क्योंकि मैंने विपत्ति में यहॉं विश्रााम पाया था। यह स्थान भूलना मत।''
चौसा के मुगल-पठान युद्ध को बहुत दिन बीत गए। ममता अब सत्तर वर्ष की वृद्धा है। वह अपनी झोपड़ी में एक दिन पड़ी थी। उसका जीर्ण कंकाल खॉंसी से गूंज रहा था। ममता ने जल पीना चाहा एक स्त्री ने सौंपी से जल पिलाया। सहसा एक अश्वारोही झोपड़ी के द्वार पर दिखाई पड़ा, मीरजा ने जो चित्र बनाकर दिया था इसी जगह का होना चाहिए। बुढि़या मर गई होगी अब किससे पूछूँ कि एक दिन शहंशाह हुमायूँ ने किस छप्पर केे नीचे विश्राम किया था।
उपरोक्त गदयांश को पढ़कर नीचे लिखें प्रश्नो के उत्तर दीजिए-
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